बात दिल की भी तो सुना कीजिए।
लाख ग़म हों जीस्त में भुला के उन्हे
आप जरा सा मुस्कुरा दिया कीजिए।
ज़िंदगी बस दो-चार दिन की है नेमत
ज़िन्दगी को खुल कर जिया कीजिए।
जब कभी भी आपका दिल हो उदास
आप बस हमें याद कर लिया कीजिए।
खुश रहने की कोई खास वजह नहीं
कभी-कभी बेवजह भी हँसा कीजिए।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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