आफत..........
हर तरफ है
नफरत ..........
खो गई है
इशरत ..........
आँखों में बसी
हिकारत ..........
बची नहीं
अनारत ..........
कोई तो निकले
सूरत ..........
फ़िर से हो
मोहब्बत ..........।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
इशरत = आनन्द
हिकारत = घृणा
अनारत = अनुरक्ति, प्रेम
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