Saturday, October 15, 2022

{३७३} समय





ये कैसी है 
आफत..........

हर तरफ है 
नफरत ..........

खो गई है 
इशरत ..........

आँखों में बसी 
हिकारत ..........

बची नहीं 
अनारत ..........

कोई तो निकले 
सूरत ..........

फ़िर से हो 
मोहब्बत ..........।। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल 


इशरत = आनन्द 
हिकारत = घृणा 
अनारत = अनुरक्ति, प्रेम 


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