Sunday, October 16, 2022

{३७६ } हार या जीत





अपनों की हार में 
अपनी ही हार है 
इस बात से ना-वाकिफ़ 
या 
इस बात से गाफिल लोग ही 
रिश्तों में जँग शुरू कर 
रिश्तों मे दरारें डालते हैं,

ऐसी दरारें 
जिन्हे भर पाना 
अत्यन्त कठिन होता है,

हे ईश्वर !
ऐसी जँग से 
सभी को बचाए,

जिससे,
अपनों की हार में 
अपनी ही हार का 
सामना न करना पड़े।। 

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल 

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