Friday, September 16, 2022

{३५१ } अनुज ! तुम कहाँ चले गए




अनुज ! तुम कहाँ चले गए 


अब सिर्फ तुम्हारी यादें ही शेष 
होठ फड़फड़ाते पर मौन हैं शब्द 
शून्य में तुम्हें खोजती आँखें 
पर तुम दूर बहुत दूर हो..........

उफ्फ़ 

हृदय में तीव्र पीड़ा 
कोई उपचार भी तो नहीं 
इस हृदयविदारक पीड़ा का 

बस 
आँसुओं से ही कर रहा तर्पण 
शायद इसी से 
मुझे कुछ शान्ति मिले। 
मुझे कुछ शान्ति मिले ।। 


.. गोपाल कृष्ण शुक्ल 

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