Monday, May 12, 2014

{ २९० } तुमसे ही हुआ जीस्त में उजियारा






दिल में नक्श तुम्हारा ही उतारा है
इश्क मे हमने तुमको ही पुकारा है।

तड़पा तेरे बिन दिल भी रोया किया
देखा है आँसुओं ने ये भी नजारा है।

मेरी खोई हुई हर खुशी मुझे मिल गई
जबसे मिला तेरे प्यार का सहारा है।

खुदा का वास्ता मुझे छोड़ के न जाना
तुमसे ही हुआ जीस्त में उजियारा है।

क्या पूछते हो कि क्या हाल हमारा है
जो हाल तुम्हारा है वो हाल हमारा है।



---------------------------------- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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