Tuesday, August 13, 2013

{ २७४ } मैं कौन हूँ?





मालूम न हुआ मुझको कि मैं कौन हूँ?
हवाओं के गूँजते शोर में खड़ा मौन हूँ।

उमड़ती भावनाये, काँपती कामनायें
मन की कहने में सँकोच खड़ा मौन हूँ।

टूटे हुए सपनों की किरचें हैं चुभ रही
बन्द कर ली नम आँखें खड़ा मौन हूँ।

अनगिन देवालय में भाल झुका आया
मिल पाया न कहीं चैन खड़ा मौन हूँ।

रोशनी की खोज में मुझे मिला अँधेरा
हो अचँभित उपलब्धि पे खड़ा मौन हूँ।


........................................................गोपाल कृष्ण शुक्ल

1 comment:

  1. acharya shree bahut sunder gazaab ki rachana ye aapki pahachan hain acharya shree

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