Monday, May 2, 2011

{ ३४ } फ़ूल







मुझ पर फ़ूल बहुत मेहरबान है यारो,

फ़ूल सी ही मीठी मेरी जबान है यारो।


फ़ूल की महक सबसे येही कहती है,

उसकी खुश्बू ही तो पहचान है यारों।


सभी का दिल को सुकून मिल जाता,

अगर फ़ूल उसपर मेहरबान है यारों।


बात सीधी सी है और बहुत गहरी भी,

प्यार जतलाये फ़ूल सी जबान है यारों।



.................................... गोपाल कृष्ण शुक्ल




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