Friday, August 31, 2012

{ १८७ } क्या है ज़िन्दगी...?






कागज के कोरे पन्ने
ज़िन्दगी तो नही होते ?
और न ही काली स्याही
का नाम है ज़िन्दगी ??

ज़िन्दगी एक रिश्ता है
लहर का लहर से मिलन,
धूप काछाँव से मिलन,
दुख का सुख से मिलन,
रात का दिन से मिलन,
अँधेरे का रोशनी से मिलन,
ये मिलन ही ज़िन्दगी है।।

ज़िन्दगी एक सफ़र है --
सूर्य के उदित होने पर
पृथ्वी पर आने वाली
पहली किरण से शुरू हो कर
सूर्य के अस्त होने पर
पृथ्वी पर पडने वाली
अंतिम किरण तक का सफ़र।।

ज़िन्दगी सुबह की पहली रश्मि है
और मौत शाम की अन्तिम किरण।।


................................ गोपाल कृष्ण शुक्ल