जो कम से कम
यह जानते हैं
कि वे कुछ नहीं जानते
हम उनसे कतई नहीं मिलना चाहते
जो अपनी जानकारी को ही
विज्ञान मानते है।
हम उनसे मिलना चाहते हैं
जो कुछ कहना
और कुछ करना भी जानते है
हम उनसे कतई नहीं मिलना चाहते
जो बिना चले ही
बस सिर हिलाते हैं।
हम उनसे मिलना चाहते है
जो जीने की खातिर
साँसों का साथ देते हैं
हम उनसे कदापि नहीं मिलना चाहते
जो सिर्फ साँसों को ही
जीना समझ लेते हैं।
.. गोपाल कृष्ण शुक्ल
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