ज़िन्दगी__________
ज़िन्दगी है मेरे भाई
कोई ज़रीदा नही
जिसका हर वरक
काली स्याही से रंगा जाये।
ज़िन्दगी मे अधिकतर
ऐसे ही वरक लिखे जाते हैं
जहाँ कलम तो चलती है
पर वरक--------
सादे के सादे ही रह जाते हैं।
--------सादे ही रह जाते हैं।।
................................................ गोपाल कृष्ण शुक्ल
ज़रीदा=अखबार
वरक=पन्ना
वाह बहुत खूब .......
ReplyDeleteजिन्दगी एक कोर कागज है ,
जमाने ने इसे गम से भर दिया !!
सुन्दर भाव....
ReplyDeleteउफ्फ़..क्या बात हैं...गजब कि पंक्तियाँ..बेहतरीन..
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