आओ धनुर्धर आओ !
करोड़ो-जन
यहाँ गिन रहे हैं
समस्याओं के बियावान के
पेड़-पौधे-पत्ते।
करोड़ो-जन
यहाँ प्रतीक्षा कर रहे हैं
उस धनुर्धारी अर्जुन की
जो आये
और निराकरणरूपी चिड़िया की
आँख को लक्ष्य कर
शर-सँधान करे।
आओ धनुर्धर आओ ।
--------------------------- गोपाल कृष्ण शुक्ल
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन ट्रेन छूटे तो २ घंटे मे ले लो रिफंद, देर हुई तो मिलेगा बाबा जी का ठुल्लू मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteएक आँख हो तब तो आये .....
ReplyDeleteइतना कुछ भेदना आसाँ नहीं होगा आज ...
ReplyDelete