चँचल मन
सुगठित तन
दोनो का मिश्रण है यौवन।
चँचल नयन
हृदय की तपन
दोनो का मिश्रण है यौवन।
सरकता अवगुंठन
गर्वित अविचलन
दोनो का मिश्रण है यौवन।
चँचल चितवन
लाज और सिहरन
दोनो का मिश्रण है यौवन।
नख-शिख आकर्षण
श्रँगार और आभूषण
दोनो का मिश्रण है यौवन।
भुजपाश और आलिंगन
क्रीडा और क्रन्दन
दोनो का मिश्रण है यौवन।
साँसों की थिरकन
कसता भुजबन्धन
दोनो का मिश्रण है यौवन।
जब झूमे तन
जब नाचे मन
दोनो का मिश्रण है यौवन।
__________________ गोपाल कृष्ण शुक्ल
यौवन का नख-शिख वर्णन .........................
ReplyDeleteबेहतरीन
क्रीडा और क्रन्दन
ReplyDeleteदोनो का मिश्रण है यौवन----
सतोगुण को उद्रेकित करता रजोगुण है यौवन,
युयुत्सा और विवेक का
संगम है यौवन।
अति सुन्दर,
श्रृंगार से सात्विकता के उदय का गीत है ये रचना।