दीवानों से दिल की बात न पूछो
किस ने दी दिल को मात न पूछो।
दुनिया कहाँ जानती दिल की बातें
दीवाने से दिल के हालात न पूछो।
ख्वाब और मँजिल सब हुए गुम
कैसे हुए ये गर्दिशे-हालात न पूछो।
हुस्न पर मैं इश्क लुटाता रहता हूँ
हम जैसे दीवानों की जात न पूछो।
जगमगा जायेंगे खुशियों के चिराग
मिली ये इश्क की सौगात न पूछो।
--------------------------- गोपाल कृष्ण शुक्ल
वाह...लाजबाब गुरु जी...
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