सत्य क्या है?
क्या दृश्य ही सत्य है,
और अदृश्य असत्य?
या फ़िर,
दोनो ही सत्य हैं?
बहुत उलझा हुआ है प्रश्न
और शायद अनुत्तरित भी।
जो दृश्य है,
उसके होने पर सन्देह नहीं,
उसका होना सत्य है,
परन्तु,
जो दृश्य नहीं
उसे असत्य तो नहीं कह सकते।
शायद,
दृश्य और अदृश्य
दोनो ही सत्य हैं।
क्योंकि,
दृश्य स्वयं दिखता है
और अदृश्य
अपनी अनुभूति कराता है।
परन्तु,
शाश्वत सत्य क्या है?
खोज अभी जारी है
और प्रश्न भी अनुत्तरित।
बुद्धि का व्यायाम
खोल सके शायद कभी
रुद्ध द्वार को,
और पा सकूँ उत्तर
कि
सत्य क्या है।।
.......................................... गोपाल कृष्ण शुक्ल
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