Monday, December 2, 2013

{ २८१ } तू मुसाफ़िर.....





तू मुसाफ़िर..................

किसकी याद सताये तुझे
किसके बिना तेरा पल न बीते
कौन सा दुख छुपाये तेरी आँखें

छोड जमाने के इन मंजरों को
तू है मुसाफ़िर
सिर्फ़ मुसाफ़िर

तू मुसाफ़िर.....................।।

......................................... गोपाल कृष्ण शुक्ल

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