Thursday, February 14, 2013

{ २४० } एक सन्नाटा






एक सन्नाटा
जो
मेरी किस्मत में
समा गया है।

एक पल को भी
मुझसे अलग
नही होता है।

दमघोंटू भीड में भी
वो कहीं
नहीं खोता है।

साथ-साथ
चलता है मेरे
एक सन्नाटा
मेरी किस्मत में
समा गया है।।


.................................... गोपाल कृष्ण शुक्ल


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